- बहुगुणा फिर बने बाग़ियों के नेता
देहरादून: चुनावी शंखनाद करने देवभूमि दंगल में उतरे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जहां, कांग्रेस और पूर्व सीएम हरीश रावत पर तीखा हमला बोला, वहीं बीजेपी के भीतर से बाग़ियों को लेकर उठ रही पालाबदल की अटकलबाजी पर भी शाह ने ब्रेक लगाने का दांव खेला है। अमित शाह ने लगातार अपने बयानों से बीजेपी को बेचैन कर रहे धामी सरकार में काबिना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को खाने की मेज़ पर अपने साथ बिठा लिया।
इस दौरान पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी शाह के साथ रहे। सूत्रों की मानें तो हरक सिंह को गुलाब जामुन खिलाकर शाह ने न केवल ‘शेर ए गढ़वाल’ के गले में बैठी कड़वाहट दूर कर दी है बल्कि तमाम गिले-शिकवे भी दूर कर डाले हैं।
शाह जब हरक सिंह रावत से खाने की मेज़ पर गहन मंत्रणा कर रहे थे उस दौरान पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी डिज़र्ट का स्वाद ले रहे थे। दरअसल बहुगुणा की अगुआई में ही 18 मार्च 2016 को कांग्रेस में उत्तराखंड के अब तक के राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी बगावत हुई थी जिसमें नौ विधायकों ने हरीश रावत सरकार से नाख़ुश होकर कांग्रेस से बीजेपी में पालाबदल कर लिया था।
अब जिस तरह से पिछले दिनों धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में घर वापसी हुई उसने सत्ताधारी दल को तगड़ा झटका लगा है। उसी के बाद से काबिना मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ की घर वापसी को लेकर भी तरह-तरह की बातें राजनीतिक गलियारे को गरम किए हुए हैं। इसके बाद बीजेपी नेतृत्व ने इसी हफ्ते विजय बहुगुणा को मैसेंजर बनाकर देहरादून भेजा था और 18 मार्च 2016 के तमाम बागी नेताओं की कई दौर की बैठकें चलीं।
शाह के दौरे से पहले बहुगुणा ने बाग़ियों के भीतर घर कर गई चिन्ताओं को दूर करने की जो जमीन तैयार की शनिवार को शाह ने उसी माहौल में हरक सिंह रावत को खाने की मेज पर बिठाकर पाठशाला लगाई। तस्वीर में शाह के साथ गुलाब जामुन खाकर मुस्कुराते हरक दा की बॉडी लैंग्वेज बता रही कि अब शायद ‘ऑल इज वेल’ है! वैसे सियासत में मूड बदलते और चुनावी दौर में सियासी ज़ायक़ा बदलते देर कहां लगती हैं।