ADDA SUNDAY स्पेशल: …तो जो काम सोनिया-राहुल न कर पाए अमित शाह एक झटके में कर गए! हरदा को घोषित कर दिया कांग्रेस का चुनावी चेहरा

देहरादून: 22 बैटल में 60 प्लस के नारे के साथ चुनावी जंग में कूदी भाजपा को देखकर ऐसा लगता है कि मानो सत्ताधारी पार्टी को असल डर विपक्षी पार्टी कांग्रेस से नहीं बल्कि उसके कैंपेन कमांडर हरीश रावत से ही है! केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जिस अंदाज में भाजपा का चुनावी बिगुल फूँका और निशाने पर सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री को ही रखा, उससे साफ हो गया है कि सत्ताधारी दल को असल चुनौती हरीश रावत से ही मिल रही है।


इसे इस नजरिये से भी समझा जा सकता है कि अमित शाह ने वह काम कर दिया जिसे अंदरूनी विरोध के चलते कांग्रेस नेतृत्व करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा! रावत लगातार मुहिम छेड़े थे कि कांग्रेस पार्टी को 22 बैटल में कूदने से पहले अपना चुनावी चेहरा घोषित कर देना चाहिए ताकि जनता तो पता रहे कि कांग्रेस भाजपा के विकल्प के तौर पर किस चेहरे को बेहतर मानकर आगे कर रही है। लेकिन हरदा वर्सेस प्रीतम कैंप वॉर के चलते पार्टी हाईकमान इसे मधुमक्खी का छत्ता मानकर हाथ डालने से कतराता आ रहा है। लेकिन शनिवार को उत्तराखंड दौरे पर देहरादून में भाजपा का चुनावी शंखनाद करते गरजे अमित शाह ने रावत को रण में ललकार कर साफ मैसेज दे दिया कि उनका मुकाबला हरीश से ही है।

फिर भले शाह ने रावत को किसी भी चौक-चौराहे पर खुली बहस की चुनौती दे डाली हो लेकिन बार-बार हरदा पर हमलावर होना बता गया है कि पंजाब प्रभार से मुक्त होकर उत्तराखंड में फ़्रीहैंड काम कर रहे रावत को लेकर भाजपा रणनीतिकार किसी भी तरह के धोखे या ग़लतफ़हमी में नहीं रहना चाहते हैं। दरअसल, पंजाब प्रभार से मुक्ति पाते ही हरीश रावत पहले से ज्यादा एक्टिव होकर न केवल सरकार की कमियों को उजागर कर रहे बल्कि अपने तीन साल के कार्यकाल की योजनाओं को गिनाकर खुद की परफ़ॉर्मेंस बेहतर होने का दम भी भर रहे हैं।

दरअसल, रावत भी बखूबी जान रहे हैं कि भले गुटबाजी के चलते कांग्रेस हाईकमान उनको पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बना पा रहा लेकिन भाजपा नेतृत्व उनके ही पिछले कार्यकाल को आगे रखकर हमलावर होगा, क्योंकि न पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी इस वक्त दुनिया में हैं और न ही पूर्व सीएम विजय बहुगुणा अब कांग्रेस में रहे। यानी भाजपा का जब भी तीखा व तेजधार हमला होगा तो कांग्रेस के लिए ढाल हरदा को ही बनना पड़ेगा। इसीलिए पूरी तैयारी कर बैठे रावत बाइस के रण में किसी भी क़ीमत पर चूकना नहीं चाहते हैं। तभी तो शनिवार को जैसे ही अमित शाह ने स्टिंग, डेनिश शराब और विकास कार्यों सहित तमाम मुद्दों पर रावत को किसी भी चौक-चौराहे पर खुली बहस की चुनौती दी तो हरदा ने इसे क़ुबूल करने में कतई भी वक्त जाया नहीं किया। यहां तक कि रावत ने खुद के अकेले आकर बहस करने की चुनौती स्वीकारने के बाद भाजपा के सामने चुनौती यही है कि आखिर रावत से बहस के रण में कौन कूदे।

हरदा ने रविवार को दोबारा शाह को लपेटे में लेने की कोशिश की और कहा, “ मैं तो भृगु ऋषि के तरीके से तपस्यालीन उत्तराखंडी हूँ, और मुझे तपस्यालीन विश्वामित्र के तरीके से विचलित नहीं किया जा सकता है।”
रावत ने आगे कहा.”गरजना बरसना मुझे मेरी तपस्या से विचलित नहीं कर सकता है….मेरा लक्ष्य सिर्फ, सिर्फ-सिर्फ उत्तराखंडियत के झंडे को ऊंचा उठाना है।”

पढ़िए हरीश रावत ने किस अंदाज में गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोला?

कल #अमित_शाह जी, मुझ पर बहुत गरजे और मैं जानता हूँ कि, और लोग भी गरजेंगे और बरसेंगे। मगर मैं उनसे से एक बात साफ तौर पर कह देना चाहता हूंँ कि मेरा चुनावी मुकाबला उनसे नहीं है, वो मेरी तुलना में बड़े ऊंचे पायदान पर हैं, मैं तो एक साधारण उत्तराखंडी हूंँ जिसका लक्ष्य राज्य का विकास और आम उत्तराखंडी का कल्याण हो, उसकी तरक्की है, उसे एक अच्छी जिंदगी जीने का अवसर मिले उसके लिए काम करना है। मैं तो भृगु ऋषि के तरीके से तपस्यालीन उत्तराखंडी हूंँ, मुझे तपस्यालीन विश्वामित्र के तरीके से विचलित नहीं किया जा सकता। भाजपा के शीर्ष नेताओं का गरजना, बरसना मुझे मेरी तपस्या से विचलित नहीं कर सकता है। मैं इस गरजने-बरसने के पीछे छुपे हुये अभिप्राय को बहुत गहराई से समझता हूंँ, इसलिये मैं अपने लक्ष्य से इतर नहीं देखूंगा, न चलूंगा। मेरा लक्ष्य सिर्फ, सिर्फ-सिर्फ उत्तराखंडियत के झंडे को ऊंचा उठाना है।
“जय हिंद, जय उत्तराखंड-जय उत्तराखंडियत”

हरीश रावत , पूर्व मुख्यमंत्री

जाहिर है जब भाजपा कांग्रेस से अधिक हरीश रावत से चुनौती महसूस कर रही है, तब रावत भी बखूबी समझ रहे होंगे कि जैसे-जैसे 22 बैटल करीब आती जाएगी उन पर न सिर्फ हमले तेज होंगे बल्कि हमलों की धार भी ज्यादा मारक होगी। सवाल है कि जब भाजपा ने रावत को चुनावी रण का अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान लिया है तब क्या कांग्रेस हाईकमान इस सच को समझकर चुनावी बिसात पर अपनी बाजी नए सिरे से बिछाने की हिम्मत दिखा पाएगा!

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