देहरादून: सचिवालय सेवा संवर्ग की विगत समय से लम्बित महत्वपूर्ण मांगों पर सचिवालय प्रशासन विभाग के स्तर पर 14 अक्तूबर को स्पष्ट सहमति व्यक्त करते हुए सचिवालय संघ के साथ लिखित समझौता किया गया था। लेकिन पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद उन पर अपेक्षित क्रियान्वयन अब तक सक्षम अधिकारियों/विभागों यथा-वित्त, कार्मिक, सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा अपेक्षित क्रियान्वयन नहीं किया गया है।
साथ ही गोल्डन कार्ड जैसे अहम मुद्दे पर 29 अक्तूबर को कैबिनेट में लिये गये निर्णय का अनुपालन भी अब तक न होने से क्षुब्ध सचिवालय संघ के आहवान पर मंगलवार यानी आज 23 नवंबर को प्रातः 10.00 बजें ए0टी0एम0 चौक पर सचिवालय सेवा संवर्ग के सभी अधिकारी व कर्मचारी एकत्र हुए। सर्वसम्मति से सचिवालय संघ की लम्बित मांगों पर अपेक्षित शासनादेश जारी न होने पर आक्रोश व्यक्त किया गया तथा राज्य की सर्वोच्च कार्यालय इकाई के गरिमामयी सचिवालय संघ की महत्ता को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया।
संघ की मांगों पर हीलाहवाली करने एवं पत्रावलियों को अनावश्यक घुमाने वाले अधिकारियों को सचिवालय से बाहर का रास्ता दिखाने का संकल्प लिया गया। सचिवालय संघ के सभी संवर्गीय संघों, समस्त सदस्यों की सहभागिता व सहमति से शासनादेश जारी होने तक निम्नवत कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैंः-
- 24.11.2021-26.11.2021 (03 दिन) प्रातः 10.00-12.00 बजे तक 02 घण्टे का कार्यबहिष्कार
- 29.11.2021-01.12.2021 (03 दिन) प्रातः 10.00-01.00 बजे तक 03 घण्टे का कार्यबहिष्कार
- 02.12.2021- 03.12.2021 (02 दिन) प्रातः 10.00-02.00 बजे तक 04 घण्टे का कार्यबहिष्कार
- 06.12.2021 (सोमवार) सचिवालय संघ की लम्बित मांगों पर तब तक हुई प्रगति की समीक्षा एवं मूल्यांकन।
- 07.12.2021 (मंगलवार)संघ की लम्बित मांगों का अपेक्षित क्रियान्वयन न होने तथा शासनादेश जारी न होने की दशा में अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारम्भ।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी व महासचिव विमल जोशी ने अवगत कराया कि सर्वसम्मति से लिये गये आज के निर्णयानुसार निर्धारित आन्दोलन कार्यक्रम का शत-प्रतिशत अनुपालन सचिवालय संघ के सभी सदस्यों द्वारा किया जायेगा तथा कार्यबहिष्कार की नियत अवधि में कोई भी कार्यालय कक्ष अथवा अनुभाग नहीं खोला जायेगा। यह भी चेतावनी दी गयी है कि संघ के निर्णय के विपरीत जाने वाले संघ के किसी भी सदस्य के विरूद्ध सचिवालय संघ के संविधान के अनुसार कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। इसकी समीक्षा निगरानी सचल दल द्वारा समय-समय पर की जायेगी।