दिल्ली: CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 शव लेकर इंडियन एयरफ़ोर्स का विमान शाम को पालम एयरबेस पहुँचा। जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हेलिकॉप्टर हादसे में दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 सैन्य अफ़सरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शुक्रवार को सीडीएस रावत को उनके दिल्ली स्थित आवास पर सुबह 11बजे से 12:30 बजे तक आम नागरिक श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पु्ष्कर सिंह धामी ने भी दिल्ली सीडीएस बिपिन रावत के आवास पहुंचकर उनके परिवारजनों से मुलाकात कर अपनी शोक संवेदना प्रकट की हैं। सीएम धामी ने दिवंगत जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के असामयिक निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए इसे देश के लिए अपूर्णीय क्षति करार दिया और विशेषकर उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी हानि बताया है।
वहीं, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 13 लोगों की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत को साज़िश से जोड़ते हुए सरकार या सेना के अधीन जांच का बजाय सुप्रीम कोर्ट जज के अधीन मामले की जांच कराने की मांग उठाई है। केन्द्र सरकार ने हादसे की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सेना के कई पूर्व अफसरों व नेताओं की तरह हादसे पर सवाल खड़े किए हैं।
स्वामी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के जज जांच करते हैं तो न केवल सच सामने आएगा बल्कि फिर किसी को कोई संदेह भी नहीं रहेगा। स्वामी ने कहा कि सीडीएस जनरल रावत एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे और हेलिकॉप्टर चलाने वाला स्टाफ भी सेना का था इसलिए सेना पर कोई दबाव नहीं आना चाहिए लिहाजा जांच सरकार या सेना की बजाय सुप्रीम कोर्ट जज से ही होनी चाहिए।
भाजपा नेता स्वामी ने उदाहरण दिया है कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या हुई थी तो वहाँ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को ही जांच का ज़िम्मा सौंपा गया था जिसे वॉरेन कमिशन के नाम से जाना जाता है।
बहरहाल, हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है जिसमें सारी जानकारी हो सकती है।