Observer बनकर ‘जादूगर’ रखेंगे हरदा-प्रीतम कैंप वॉर पर क़ाबू: रावत के ट्विट बम से घायल कांग्रेस पर फिर न टूटे ऐसा सितम इसलिए पार्टी हाईकमान अशोक गहलोत कोकर रहा आगे, राजस्थान CM होंगे उत्तराखंड चुनाव में कांग्रेस ऑब्ज़र्वर, मंत्री भी संभालेंगे मोर्चा

राजस्थान की राजनीति के जादूगर कहलाने वाले सीएम अशोक गहलोत को अब पहाड़ पॉलिटिक्स में कांग्रेस के कलह कुरुक्षेत्र पर विराम लगाने और चुनावी जंग में जीत दिलाने को भेजा जा रहा है।

दिल्ली: 22 दिसंबर को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जो ट्विट बम फोड़ा था उससे उठे बवंडर पर 24 दिसंबर को राहुल गांधी ने तमाम नेताओं से वन टू वन बातचीत कर क़ाबू करने की कोशिश की है। कांग्रेस नेतृत्व ने भले अभी भी हरीश रावत को उनके समर्थकों की मांग के अनुरूप चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया हो लेकिन कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष होने के नाते चुनाव में फ्रंटफुट से लीड करने का फ़्रीहैंड जरूर दे दिया है। इसे प्रीतम कैंप और प्रभारी देवेन्द्र यादव के लिए पहले दौर का झटका भी माना जा रहा है लेकिन चुनाव बाद सीएम तय होने की नीति पर कायम रहकर कांग्रेस आलाकमान ने रेस पूरी तरह से खत्म भी नहीं की है।

संदेश साफ है कि कलेक्टिव लीडरशिप की आड़ लेकर सबसे वरिष्ठ और जमीन पर सबसे ज्यादा मजबूत हरीश रावत को मंचासीन नेताओं की भीड़ का हिस्सा नहीं समझा जा सकता है। अगर चुनाव सामूहिक नेतृत्व में भी लड़ा जाएगा तो उसमें भी लीड रोल उनको देकर उनके कद का ख्याल हर हाल में रखा जाना चाहिए। जाहिर है उत्तराखंड की सत्ता में वापसी को लेकर आशान्वित राहुल गांधी-प्रियंका गांधी वाड्रा हरीश रावत की अहमियत बखूबी समझ रहे हैं।
लेकिन पार्टी नेतृत्व ने हरदा के ट्विट से हुए डैमेज की भविष्य में दोबारा पुनरावृत्ति न हो और वरिष्ठ नेता हरदा बनाम यंग नेता प्रभारी देवेन्द्र यादव जंग के हालात न बने इसलिए एक वरिष्ठ नेता को ऑब्ज़र्वर के तौर पर रखने का फैसला कर लिया है।

प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव

हालाँकि अभी आधिकारिक ऐलान होना बाकी है लेकिन खबर है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए ऑब्ज़र्वर नियुक्त करने जा रही है। इसका मकसद जहां हरदा-प्रीतम कैंप वॉर पर कड़ी नजर रखना होगा बल्कि गुटों में बंटी कांग्रेस का झगड़ा सोशल मीडिया और सड़क का संग्राम न हो जाए इसलिए एक वरिष्ठ नेता को मोर्चे पर लगाया जा रहा है।

इतना ही नहीं राज्य की 70 विधानसभा सीटों की निगरानी के लिए भी राजस्थान की गहलोत सरकार के मंत्रियों को ड्यूटी पर तैनात करने की तैयारी है।

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक़ उत्तराखंड चुनावों में सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के साथ-साथ उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं को संयम में रखने के लिए आलाकमान ने अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता को उत्तराखंड भेजने की रणनीति बनाई है।

जाहिर है अगर इस रणनीति पर अमल होता है तो फिर दिग्गज हरदा और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बीच छिड़े कैंप वॉर पर गांधी परिवार की अपने बेहद करीबी वरिष्ठ नेता और राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के जरिए न केवल सीधी नजर रहेगी बल्कि संतुलन साधने में भी मदद मिलेगी।

leave a reply

TNA

जरूर देखें

21 Nov 2021 7.10 am

देहरादून: राष्ट्रीय…

06 Nov 2021 12.11 pm

देहरादून: पुरानी…

21 Nov 2021 5.32 pm

देहरादून: पिछले…