चुनाव आचार संहिता लागू होने से सरकार ने कर्मचारियों को सौगात देते हुए कई महत्वपूर्ण आदेश जारी किए। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार 2001 बैच के प्रत्येक पुलिस आरक्षी को दो लाख की धनराशि एकमुश्त मानदेय के रूप में मिलेगी। यही नहीं, प्रदेश के कार्मिकों को पदोन्नत वेतनमान देने में अब चरित्र पंजिका में वार्षिक प्रविष्टि अति उत्तम होने की व्यवस्था खत्म की गई है। चरित्र पंजिका में भी 10 वर्ष के स्थान पर सिर्फ पांच वर्ष की वार्षिक प्रविष्टियां देखी जाएंगी। गंभीर रूप से बीमार, विधवा-विधुर 124 शिक्षकों को तबादलों में राहत दी गई है। उधर, सरकारी पेंशनरों के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में बने रहना अनिवार्य नहीं रहेगा। उन्हें इस योजना में बने रहने अथवा बाहर होने का विकल्प दिया गया है।
पुलिस आरक्षी को एकमुश्त दो लाख रुपये
सरकार ने पुलिस आरक्षी को बड़ा तोहफा दिया है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले 2001 बैच के प्रत्येक आरक्षी को एकमुश्त दो लाख रुपये बतौर मानदेय दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा में आंशिक बदलाव के साथ अमल करते हुए अपर मुख्य सचिव गृह आनंद बर्द्धन ने आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस कार्मिकों को वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी। यह मामला अभी वेतन समिति के स्तर पर विचाराधीन है। इस निर्णय में हो रही देरी को देखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री की घोषणा में आंशिक बदलाव किया है।
इसे संशोधित ग्रेड पे की भरपाई के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि शासनादेश में इस संबंध में जिक्र नहीं किया गया है। शासन के इस फैसले से करीब डेढ़ हजार पुलिस कार्मिकों को लाभ मिलेगा। यह लाभ उन्हीं आरक्षियों को मिलेगा, जिनको पदोन्नति नहीं मिली है। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस आदेश को अन्य बैचों, संवर्गों व सेवाओं के लिए दृष्टांत नहीं माना जाएगा।
एसीआर उत्तम होने पर भी वित्तीय पदोन्नति
प्रदेश के कार्मिकों को पदोन्नत वेतनमान देने में अब चरित्र पंजिका में वार्षिक प्रविष्टि अति उत्तम होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। साथ ही अब चरित्र पंजिका देखे जाने की अवधि 10 वर्ष से घटाकर पांच वर्ष कर दी गई है। वित्त सचिव अमित नेगी ने आदेश जारी किया। अब संशोधित व्यवस्था के अनुसार अति उत्तम के स्थान पर उत्तम अंकित होने पर भी एमएसीपी का लाभ कार्मिकों को मिलेगा। इससे उन सभी कार्मिकों को लाभ मिलेगा, जिन्हें उनके नियंत्रण अधिकारी ने अति उत्तम की वार्षिक प्रविष्टि नहीं दी। शासन ने यह भी कहा कि एक जनवरी, 2022 से पहले के ऐसे प्रकरण दोबारा खोले नहीं जाएंगे।
पेंशन से एसजीएचएस के लिए कटौती स्थगित, विकल्प मिलेगा
अब सरकारी पेंशनर के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) में बने रहना आवश्यक नहीं है। उन्हें योजना में बने रहने या बाहर रहने के बारे में एक माह में विकल्प देना होगा। साथ ही हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सरकार ने राज्य के समस्त सरकारी पेंशनर से मासिक अंशदान की कटौती तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी। इस संबंध में चिकित्सा व स्वास्थ्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने आदेश जारी किए हैं।