कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर रहे आइपीएस अधिकारी असीम अरुण वीआरएस लेने के बाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी थे।
भाजपा में शामिल होने के बाद असीम अरुण ने कहा कि मैं आभारी हूं कि आज मुझे भाजपा में काम करने का मौका मिल रहा है और मेरी पूरी कोशिश भी रहेगी कि मैं यहां भी अपना बेहतर करने का प्रयास करूं। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने प्रदेश भर में कानून का एक बेहतर माहौल तैयार किया और पुलिस अधिकारियों को या सभी को पूरी ईमानदारी से काम करने की प्ररेणा दी। मैं पूरी ईमानदारी से आपको बता सकता हूं कि पिछले पांच वर्ष में पुलिस के लिए बिना किसी दबाव के काम करने का इससे बेहतर अवसर कभी नहीं रहा।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि युवाओं के लिए प्रेरणा और ईमानदार छवि वाले असीम अरुण जी का भाजपा में स्वागत है। आशा है कि वह अपनी नई पारी में भी लोकहित और युवाओं को प्रेरित करते रहेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि ईमानदार छवि वाले आइपीएस असीम अरुण का हम भाजपा में स्वागत करते हैं। इन्होंने देश से लेकर प्रदेश तक में कई जिम्मेदार पदों पर अपनी सेवाएं दीं और पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ डटे रहे। एक ईमानदार छवि, दलित, वंचित, शोषितों का शोषण न हो इसके लिए संघर्ष करने वाले पूर्व डीजीपी श्रीराम अरुण के पुत्र आइपीएस अधिकारी असीम अरुण लोकहित के लिए कार्य करते रहे हैं। अब भाजपा की जन कल्याणकारी नीतियों से प्रभावित हो कर नये यूपी के विकास को गति प्रदान करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ पूर्व आइपीएस अधिकारी असीम अरुण ने भाजपा परिवार की सदस्यता ली है।
स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि अपने जीवन मे लोग कितना परिश्रम करते है। परिवार चाहता है मेरा बेटा अधिकारी बने। ऐसा परिवार जिसका प्रदेश में सम्मान है। एक ईमानदार छवि दलित पिछले वांछित के सम्मान के लिए असीम अरुण ने काम किया है। असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण ने भी डीजीपी रहते हुए बेहतर कार्य किया। आज उसी रास्ते पर आसिम अरुण यहां तक पहुचे। आज भाजपा का एक ईमानदार अधिकारी ने चयन किया। हिन्दुतान में भाजपा ही ऐसा दल है जो देश के सम्मान के लिए काम करता है। यहां पर एक चाय बेचने वाला गरीब के घर जन्म लेने वाला प्रधानमंत्री बनता है। पहली बार किसी ने कहा कि ना तो खायेंगे ना खाने देनेगे। किी भी देश में महामारी में भोजन की व्यवस्था एक विचारधारा ही कर सकती हैं।