मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 नवंबर को राजधानी के मोरहाबादी मैदान में चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही चार बार यह पद ग्रहण करने वाले राज्य के अकेले नेता का खिताब उनके हिस्से होगा। सामान्य तौर पर शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राजभवन में करने की परंपरा है, लेकिन इस बार सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की जीत बड़ी है और समर्थकों के साथ-साथ कैडरों का उत्साह भी बढ़ाने वाली है। यही कारण है कि इस मौके को खास बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है।
समारोह स्थल चारों ओर से खुला है और यह बड़े कार्यक्रम के लिहाज से सबसे बेहतर स्थान भी है। राज्य में सभी दिशाओं से लोग यहां सहजता से पहुंच सकते हैं। यह बड़ा अवसर इस मायने में भी खास होगा कि हेमंत सोरेन भाजपा विरोधी तमाम प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को जुटाकर अपना दमखम दिखाएंगे।
विधानसभा चुनाव में भाजपा का विजय रथ रोकने वाले हेमंत सोरेन इसे मेगा राजनीतिक शो में तब्दील करना चाहेंगे ताकि प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं के जुटान से पूरे देश में एक संदेश जाए। इसके साथ-साथ झामुमो और सहयोगी दलों कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और भाकपा-माले के समर्थकों का उत्साह भी बढ़ाया जा सके।
यही वजह है कि गठबंधन के विधायकों की बैठक में सहमति बनी कि बड़े मैदान में आयोजन हो। यही वजह है कि शपथग्रहण समारोह को भव्य बनाने के लिए चार दिनों का समय लिया गया ताकि तैयारियां पूरी होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर बड़े नेताओं के आने की भी पूरी संभावना रहें।
कल्पना संग आमंत्रण देने दिल्ली गए हेमंत,
समारोह में कई गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। उन्हें न्योता भेजा जा रहा है। हेमंत सोरेन राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित करने के सोमवार की देर शाम पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन के साथ दिल्ली रवाना हो गए। वे वहां वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे।
इन नेताओं के शपथ ग्रहण में शामिल होने की संभावना
पीएम मोदी और अमित शाह को मिल सकता है न्योता
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।