- कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंहनगर में स्थापित होगा एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट केंद्र
- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया
- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं में एम्स के लिये किया था अनुरोध
देहरादून: उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में बनेगा एम्स ऋषिकेश का सैटेलाइट सेंटर। धामी सरकार द्वारा उपलब्ध जमीन पर एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट केंद्र संचालित होगा। यहां कुमाऊं मंडल के मरीजों के लिए उपचार में एम्स की सुविधाएं दी जाएंगी। ऊधमसिंहनगर में एम्स ऋषिकेश द्वारा सैटेलाइट केंद्र खोले जाने से संबंधित पत्र भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार निलाम्बुज शरण की ओर से एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर को मिल चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा ऋषिकेश (एम्स) की भांति कुमांऊ क्षेत्र में भी एम्स की स्थापना का अनुरोध भारत सरकार से किया जाता रहा है। दरअसल कुमाऊं क्षेत्र में एम्स की तर्ज पर स्वास्थ्य उपचार की सुविधाएँ मिलने ये इस मंडल के पर्वतीय जिलों के साथ साथ तराई की जनता को बड़ा फायदा होगा। सीएम धामी लगातार इसकी पैरवी भी कर रहे थे और चुनावी राजनीति के लिहाज से बीजेपी इसे जमकर भुनाने की कोशिश करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे कुमांऊ क्षेत्र की जनता के साथ-साथ यूपी के समीपवर्ती जनपदों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री के उपरोक्त अनुरोध के क्रम में भारत सरकार द्वारा तात्कालिक रूप से शीघ्र ही जनपद ऊधमसिंहनगर में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई जमीन पर एम्स ऋषिकेश के सैटेलाइट केन्द्र संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार के पत्र में एम्स भुवनेश्वर द्वारा उड़ीसा के बालासोर में संचालित सेटेलाइट केंद्र की तर्ज पर एम्स ऋषिकेश द्वारा उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर में एम्स का सैटेलाइट केंद्र संचालित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं किए जाने के लिए कहा है। भारत सरकार के पत्र मिलने के बाद अब राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध जमीन की उपयोगिता एवं एम्स के सैटेलाइट केंद्र के रूप में संचालित होने की क्षमता का आकलन स्वास्थ्य मंत्रालय की टेक्निकल टीम द्वारा शीघ्र ही किया जाएगा। इसमें एम्स निदेशक की अगुवाई में वहां के इंजीनियर तथा चीफ आर्किटेक्ट जमीन का भ्रमण कर उपयोगिता का परीक्षण करेंगे। परीक्षण के उपरांत एम्स की टीम चिन्हित स्थान पर एम्स के सेटेलाइट केंद्र के संचालन हेतु अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी। भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार द्वारा इस प्रकरण को तेजी से निष्पादित करने का अनुरोध भी एम्स निदेशक से किया गया है।