देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार देवस्थानम बोर्ड को ऐतिहासिक फैसला करार दे रहे हैं। यहाँ तक कि केदारनाथ पहुँचने पर बाबा के दर्शन से रोकने पर तीर्थ-पुरोहितों को ‘कांग्रेसी माइंडसेट’ वाले बताकर बीस साल बाद बोर्ड के गुणों का ज्ञान प्राप्त होने की भविष्यवाणी कर टीएसआर हर हाल में इसे बचाने की दुहाई दे रहे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ सहित चारों धामों से देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ जोर पकड़ते विरोध के स्वरों ने सीएम धामी से लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बेचैन कर दिया है।
अब खुद मोर्चा संभालते हुए सीएम धामी नाराज तीर्थ-पुरोहितों को मनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार को केदारनाथ धाम जाएंगे। सीएम धामी के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद भी रहेंगे। दरअसल पीएम मोदी के पांच नवंबर के दौरे के मद्देनज़र धामी सरकार अति सतर्कता बरत रही है क्योंकि सोमवार को केदारनाथ धाम में जिस तरह के ज़ोरदार विरोध का सामना पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का झेलना पड़ा है उसके बाद से धामी सरकार और ज्यादा सतर्क हो गई है।
जबकि टीएसआर के विरोध के अगले दिन यानी मंगलवार को पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू तथा अन्य नेताओं का केदारनाथ धाम पहुँचने पर तीर्थ-पुरोहितों द्वारा शानदार स्वागत किया गया। लेकिन न सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह रावत बल्कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत को भी केदारनाथ धाम पहुंचने पर ज़ोरदार विरोध झेलना पड़ा। अब जब तीर्थ-पुरोहितों ने 3 नवंबर को केदारनाथ धाम कूच का ऐलान कर दिया है और हालात पूरी तरह से हाथ से न निकल जाएं लिहाजा नाराज तीर्थ-पुरोहितों के मन की थाह लेने को खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो यानी केदारनाथ पहुंच रहे हैं।
दरअसल, तीर्थ पुरोहित 30 अक्तूबर की डेडलाइन खत्म होने के बाद से चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी देवस्थानम बोर्ड भंग कराने के लिए संघर्ष के रास्ते पर उतर चुके हैं। अब तीर्थ-पुरोहितों को मनाने के उद्देश्य से खुद सीएम धामी बुधवार को केदारनाथ पहुँचेंगे और पीएम मोदी के दौरे में किसी तरह का विघ्न उत्पन्न न हो यह सुनिश्चित करने पहुंच रहे हैं। साथ ही पीएम के दौरे को लेकर तैयारियों का जायज़ा भी सीएम लेंगे। सीएम धामी लगातार उन तबक़ों से बात कर समाधान का रास्ता तलाश रहे जिनकी नाराजगी त्रिवेंद्र राज से लगातार देखी जा रही। तीर्थ पुरोहित भी त्रिवेंद्र सरकार में लाए गए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार के लिए बोर्ड गले की फांस बना हुआ है लेकिन अब सीएम धामी इस मुद्दे का एक ठोस समाधान निकालेंगे।
दरअसल तीर्थ पुरोहित बोर्ड को सनातन परम्पराओं का अपमान करार दे रहे हैं और इसे अपने लिए एक कुठाराघात मान रहे है। यही वजह है कि जहां एक तरफ तीर्थ पुरोहितों ने त्रिवेंद्र रावत का कड़ा विरोध किया। वहीं दूसरी तरफ पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी सहित पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को केदारनाथ धाम के दर्शन किए। पंजाब के नेताओं ने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना भी की। बीते रोज केदारधाम में भाजपा नेताओं को कड़े विरोध और कांग्रेस नेताओं का रेड कॉर्पेट वेलकम बड़ा संदेश दे गया है।आलम यह रहा कि तीर्थ-पुरोहितों ने न केवल टीएसआर को काले झंडे दिखाए बल्कि उन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस विरोध-प्रदर्शन का नतीजा यह रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को केदारनाथ के दर्शन किए बगैर वापस लौटना पड़ा।
वहीं, प्रदर्शनकारियों ने प्रोटोकॉल मंत्री डॉ.धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का भी घेराव किया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए देवस्थानम बोर्ड को तत्काल प्रभाव से रद करने की मांग भी की है। रावत ने कहा कि भाजपा सरकार कई सालों से चल रहे तीर्थ-पुरोहितों के अधिकार पर प्रहार करने में जुटी हुई है। त्रिवेंद्र की तर्ज पर केदारनाथ पहुँचे कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को पुरोहितों ने भी मंदिर परिसर में घेरकर नारेबाजी की। इस दौरान कुछ लोगों ने धन सिंह रावत के कपड़ों पर भी हाथ डाल दिया। हालांकि मंत्री डॉ.धन सिंह और मदन कौशिक ने बाबा केदार के दर्शन किए।
सवाल है कि क्या देवस्थानम बोर्ड पर धामी सरकार कोई बड़ा फैसला लेने जा रही है? ऐसा कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 05 नवंबर को केदारनाथ धाम पहुँचने से पहले जमीनी हालात की रिपोर्ट लेने के लिए सीएम धामी खुद मैदान पर उतर रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सोमवार शाम को नई दिल्ली भी बैठक करने गए थे। जानकार सूत्रों की मानें तो देवस्थानम बोर्ड पर धामी सरकार अब जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है। कहा जा रहा है कि बोर्ड पर मचे बवाल की पूरी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व तक भी पहुँचा दी है। ऐसे में पीएम मोदी के दौरे से पहले सीएम धामी केदारनाथ धाम से ही बोर्ड के स्थगित करने या फिर तीर्थ-पुरोहितों को खुश करने वाला कोई अन्य बड़ा कदम उठा सकते हैं।