केदारनाथ/ यमुनोत्री Chardham Yatra 2021: शनिवार को भैयादूज के पावन अवसर पर सुबह 8 बजे केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। सुबह 4 बजे से केदारनाथ मंदिर में बाबा की स्पेशल पूजा-अर्चना प्रारंभ हुई और मुख्य पुजारी बागेश लिंग द्वारा बाबा केदार की पूरे विधि-विधान से अभिषेक कर आरती उतारी गई। फिर सेना बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद हुए। अब पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होंगे। बाबा की डोली आज रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुँचेगी और 7 नवंबर को बाबा की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल पहुँचेगी। अगले छह महीने भोले बाबा के दर्शन यहीं होंगे।
कपाट बंद होने से पूर्व विशेष पूजा-अर्चना
ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट पूजा-प्रक्रिया के बाद विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। सुबह 4 बजे से मंदिर में बाबा की स्पेशल पूजा-अर्चना प्रारंभ हुई और मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ का आह्वान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति और शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया गया। ठीक सुबह आठ बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे। इस दौरान ऊखीमठ के एसडीएम जितेन्द्र वर्मा और देवस्थानम बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। कोरोना के कारण आम श्रद्धालुओं के लिए देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा में इस बार करीब 2:40 लाख भक्तों ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए।
केदारनाथ से भगवान केदारनाथ की डोली ने किया रामपुर के लिए प्रस्थान
केदारनाथ धाम से बाबा की डोली रुद्रा पॉइंट, लिनचोली, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग मे श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए रामपुर पड़ाव में रात्रि प्रवास करेगी। सात नवंबर को केदारनाथ की डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास के लिए पहुंचेगी। फिर भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के पंच केदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। इसी के साथ भगवान भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू होगी।
दोपहर 12:15 बजे बंद हो जाएंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
आज शनिवार को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:15 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली पहुंचेगी। खरसाली स्थित माँ यमुना के मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। कोरोना के चलते देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान इस बार 18 सितंबर से लेकर शुक्रवार तक यमुनोत्री धाम में करीब 34 हजार श्रद्धालुओं ने माँ यमुना के दर्शन किए और दान पात्र में मंदिर समिति को 5 लाख 13 हजार रुपए की आय हुई है।