ADDA IN-DEPTH वैट पर वार-पलटवार: उपचुनावों में हाथ जलाकर संभली भाजपा के दांव से अब गैर-एनडीए सरकारें सांसत में, कांग्रेस, TMC, AAP पर VAT कटौती का प्रेशर

देहरादून: ऐसा लगता है कि भाजपा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान सहित करीब एक दर्जन राज्यों की तीन लोकसभा और 29 विधासनभा सीटों के उपचुनाव नतीजों में हाथ जलाकर संभल गई है। महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को पेट्रोल और डीजल क़ीमतों में एक्साइज ड्यूटी घटाकर राहत देने की उसकी कोशिश को इसी नज़रिए से देखा जा रहा है। केन्द्र की मोदी सरकार के नक़्शेक़दम पर चलते हुए भाजपा व एनडीए शासित करीब दो दर्जन राज्य सरकारों ने भी पेट्रोल-डीजल पर 7 से 9 रुपए प्रति लीटर तक वैट कटता कर अपनी जनता को भारी राहत दे दी है। इसके बाद अब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शासित राज्य सरकारें ज़बरदस्त दबाव में आ चुकी हैं।


दरअसल, भाजपा थिंकटैंक को लगता है कि अगर हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में अगर वह उपचुनाव हारी है तो इसकी एक बड़ी वजह पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती क़ीमतों की भी भारी भूमिका है। ऐसे में जब अगले साल 2022 में भाजपा को पहले उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों में चुनावी जंग लड़नी है तो साल के आखिरी में हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में सरकार बचाने को उतरना है। लिहाजा पार्टी ने अब खास रणनीति के तहत महंगाई की आग को हवा देने के लिए राज्य सरकारों को भी बराबर का ज़िम्मेदार ठहराने का फैसला किया है।

उत्तराखंड, यूपी सहित इन राज्यों ने दी वैट कटौती कर राहत

इसी कड़ी में पहले केन्द्र ने पेट्रोल-डीजल पर क्रमश: एक्साइज ड्यूटी 5 रुपए व 10 रुपए कटौती की जिसके बाद तमाम भाजपाई व एनडीए शास्त्र राज्यों ने 8-9 रुपए वैट कटौती कर महंगाई पर मरहम लगाया है। एनडीए शासित 22 राज्य जनता को बड़ी रिलीफ़ दे चुके जिनमें यूपी, उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, लद्दाख, चंडीगढ़, गोवा, असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, मिज़ोरम, पुड्डूचेरी, दादर व नगर हवेली, दमन व दीव में एक्साइज ड्यूटी के बाद वैट कटौती की गई है।

गैर-एनडीए शासित राज्यों में वैट कटौती की राहत अब तक नहीं मिली

महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, ओडीशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और पंजाब जैसे नॉन एनडीए स्टेट्स में अभी तक वैट कटौती कर जनता को राहत नहीं मिल पाई है।

वैट पर छिड़ा सियासी वार पलटवार

केन्द्र के बाद भाजपा शासित राज्यों में वैट कटौती के बाद पार्टी अब विपक्षी सरकारों को कटघरे में खड़ा कर रही है। बिहार के पूर्व डिप्टीसीएम व भाजपा के राज्ससभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने लगातार एक के बाद एक ट्विट कर कांग्रेस, आरजेडी सहित तमाम विपक्षी दलों की सरकारों को अब तक वैट कटौती न करने पर कटघरे में खड़ा किया है। मोदी ने कहा कि जब एक्साइज ड्यूटी घटाकर केन्द्र और वैट घटाकर एनडीए शासित राज्यों ने जनता को राहत दे दी है तो अब बारी गैर एनडीए सरकारों की है कि वे जनता को राहत दे अपनी ज़िम्मेदारी निभाएँ।

जबकि उत्तराखंड काग्रेस प्रवक्ता व गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने इसे काउंटर करते हुए कहा कि यह तो वही बात हुई कि पहले जनता को जमकर लूट लो फिर कुछ राहत देकर खुश करने की मंशा पाल ली जाए। उलटे कांग्रेस प्रवक्ता ने केन्द्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते कहा पेट्रोल-डीजल के दाम अभी भी ज़्यादातर राज्यों में सौ के पार हैं जिनको घटाकर 70 रुपए के आसपास करना चाहिए।

दरअसल भाजपा की रणनीति पेट्रोल-डीजल पर राहत देकर खुद को असली जनता का हितैषी दिखाने की तो है ही। साथ ही यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनावी फायदा उठाने की भी है। भाजपा सूत्रों ने खुलासा किया है कि आगे चुनावी राज्यों में और कटौती भी देखी जा सकती है।

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TNA

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