देहरादून: 2022 की चुनावी बिसात पर बीजेपी से इक्कीस साबित होने को आतुर कांग्रेस ने टिकटों के बंटवारे पर एक्सरसाइज तेज हो गई है। कांग्रेस आलकमान ने शुक्रवार शाम टिकटार्थियों की छंटनी और पैनल गठन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। काग्रेस नेता अविनाश पांडे की अगुआई में बनी समिति में डॉ अजय कुमार और वीरेंद्र सिंह राठौर को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। जबकि प्रदेश नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व सीएम हरीश रावत को जगह दी गई है। लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी में न हाल में भाजपा से मंत्रीपद छोड़कर कांग्रेस में घर वापसी करने वाले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य को शामिल किया गया है और ना ही किशोर उपाध्याय को जगह दी गई है। आज दिनभर इसे लेकर कांग्रेसी कॉरिडोर्स में तरह-तरह की चर्चाएं चलती रही और अब नाराजगी के स्वर उभरने लगे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी धीरेन्द्र प्रताप ने खेद जताते हुए सोनिया गांधी से दखल की मांग की है।
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य को पार्टी द्वारा हाल ही में घोषित स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किए जाने की मांग की है।आज जारी एक वक्तव्य में धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खेद का विषय है उनका नाम स्क्रीनिंग कमेटी में नहीं रखा गया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की है की उन लोगों का विशेष ध्यान रखें और साथ ही पार्टी में दोबारा शामिल हुए शक्तिशाली नेता यशपाल आर्य को भी पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी में स्थान दें ।
वहीं, धीरेंद्र प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान करने को भाजपा नेतृत्व के मुंह पर तमाचा बताया है। कहा है कि यह प्रधानमंत्री के अहंकार की हार हुई है। उन्होंने इस जीत के लिए करोड़ों किसानों और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जुझारू संघर्ष को जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने कहा कांग्रेस सड़कों पर है और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हरीश रावत, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह, किशोर उपाध्याय और यशपाल आर्य के नेतृत्व में ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी।