देहरादून: पिछले करीब साल भर से प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष के फीडबैक पर उत्तराखंड में बाइस बैटल की बिसात बिछा रहे हैं। वह बीएल संतोष ही थे जिनके उत्तराखंड में टीएसआर-1 से लेकर टीएसआर-2 तक सत्ता की डोर हाथ से छूटने के फाडबैक पर मोदी-शाह ने एक्शन लिया और युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी का मार्ग प्रशस्त हुआ। लेकिन अब संतोष के सामने बीजेपी बाइस बैटल में कैसे कांग्रेस पर इक्कीस बनी रहे इस प्रश्न का हल खोजने की चुनौती है। इसी कड़ी में उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक यानी विधानसभावार गठित कोर ग्रुपों की बैठकों में खुद बीएल संतोष शिरकत तक न केवल जमीनी फीडबैक जुटा रहे बल्कि किनती सीटों पर कमल कुनबा मजबूत है व कहां पंजे के पराक्रमी भारी पड़ रहे तथा किस सीट पर आप की एंट्री से विपक्ष के अरमानों पर झाड़ू लग सकती है, इसकी टोह ले रहे हैं।
पिथौरागढ़ से लौटे बीएल संतोष आज बीजेपी की चुनावी तैयारियों की तस्वीर देहरादून पार्टी मुख्यालय में बैठक कर देखना चाह रहे हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में संतोष ने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चुनाव प्रचार तथा दूसरे तमाम इंतज़ामों की समीक्षा की है और आज चुनाव प्रबंधन समिति की उप-समितियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बीएल संतोष और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ बीजेपी कार्यालय में चल रहे बैठकों के दौर का हिस्सा हैं।
दरअसल बीएल संतोष जमीन पर 2022 का बिसात को लेकर बीजेपी की जमीनी तौर पर कितना मजबूत है और एंटी इनकमबेंसी उसे कितना डैमेज कर सकती है इसका पता लगाने के लिए खुद फीडबैक ले रहे हैं ताकि मोदी-शाह को वास्तविक तस्वीर दिखा सकें। इससे पहले संतोष मंगलवार को पिथौरागढ़ दौरे पर थे, जहां उन्होंने जिले की सभी विधानसभा सीटों में गठित कोर ग्रुपों की बैठक लेकर चुनाव तैयारियों के साथ-साथ सीटवार जमीनी फीडबैक लिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी इन तमाम बैठकों में बीएल संतोष के साथ रहे।
ज्ञात हो कि बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष को प्रधानमंत्री मोदी का बेहद करीबी माना जाता है और स्ट्रेटजिस्ट के तौर पर वे लगातार राज्यों के हालातों से आलाकमान को फीडबैक दे रहे उस पर बड़े फैसले हो रहे। तीरथ की कुर्सी जाने के पीछे बड़ा फीडबैक बीएल संतोष का ही बताया जाता है। अब 2022 में भाजपा जीत का परचम फिर लहराए और इस राह में स्थानीय एंटी इंकमबेंसी के चलते किन विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया जाना है इस लिहाज से बीएल संतोष की रिपोर्ट खासा मायने रखेगी।