PK ने की PM मोदी की तारीफ राहुल गांधी पर हमला: ट्वीट, कैंडल मार्च से नहीं हारेंगे मोदी-शाह और भाजपा, चुनावी ट्रिक से जीत दिलाने का दम भरते प्रशांत किशोर क्यों कांग्रेस के पीछे पड़े?

दिल्ली: अब यह पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी के इशारे पर बदली हुई राजनीति और रणनीति का हिस्सा है या कुछ और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं और राहुल गांधी और कांगेस का बखिया उधेड़ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर नये सिरे से जुबानी हमला बोलते कहा है कि कांग्रेस के बिना भी देश में विपक्ष की राजनीति हो सकती है। ममता बनर्जी के साथ जुड़े प्रशांत किशोर कांग्रेस को नसीहत दे रहे हैं कि अगर पार्टी को बचाना है तो गांधी परिवार से बाहर के जाकर किसी नेता को लोकतांत्रिक ढंग से अपना अध्यक्ष चुनें। PK ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते कहा है कि एक ट्वीट और कैंडिल मार्च निकालकर मोदी, भाजपा को नहीं हरा सकते हैं।

इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्ष को क्या रणनीति बनाकर चलना होगा इसके के लिए अपना एक ब्लू प्रिंट भी पेश किया है। PK ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी के बिना भी भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चा बनाना संभव है।

प्रशांत किशोर ने तर्क दिया है कि 1984 के बाद कांग्रेस को अकेले एक भी आम चुनाव में जीत हासिल नहीं हुई है। गुजरे दस सालों में कांग्रेस को 90 फीसदी चुनावों में हार मिली है। लिहाजा कांग्रेस नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। पीके ने यह भी खुलासा किया कि वह लगभग कांग्रेस में शामिल हो ही गए थे लेकिन फिर पीछे हट गए।

पीएम मोदी पर हमलावर रहे PK इस बात पर हुए फ़ैन

प्रशांत किशोर ने कहा है कि पीएम मोदी सभी की सुनते हैं और यही उनकी ताकत है। पीके ने कहा कि पीएम को पता है कि आखिर लोगों को क्या चाहिए। पीके ने यह भी कहा कि अगले कुछ दशकों तक भाजपा के इर्द-गिर्द ही देश की राजनीति घूमती रहेगी।

ज्ञात हो कि पीके आजकल टीएमसी नेता और बंगाल सीएम ममता बनर्जी के रणनीतिकार बने हुए हैं। इससे पहले वे पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन और नीतीश कुमार सहित कई नेताओं के लिए चुनावी व्यूहरचना बना चुके हैं। सवाल है कि क्या प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिए विपक्षी राजनीति में माहौल बनाने के लिए बार बार कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाने पर ले रहे? आखिर कांग्रेस में जाते-जाते रह गए प्रशांत किशोर क्या कांग्रेस में आमूलचूल परिवर्तन की मंशा लिए थे जिसे पर गांधी परिवार तैयार नहीं हुआ?

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